जिसकी मेहनत उसकी जीत – पाठ-5
इस पाठ के द्वारा छात्र मेहनत, अनुशासन तथा आत्मविश्वास जैसे मूल्यों को सीख सकते हैं ।
एक चिंटी चने के दाल के टुकड़े के आस-पास गोल-गोल घूम रही थी। टीलू ने पूछा -“चिंटी रानी, यह क्या कर रही हो?”
“मैं इस दाल को अपने बिल तक ले जाना चाहती हूं।” कह कर चिंटी नाचने लगी। “मैं तुम्हारे बिल तक पहुंचा दूँ?” टीलू ने हमदर्द से पूछा। चिंटी बोली- “नहीं, मैं इसे खुद ले जाऊंगी ।”

“अगर तुम इसे ना ले जा सकी तो क्या करोगी?” टीलू ने धीरे से पूछा। विश्वास के साथ चिंटी ने कहा- “कोशिश करने पर मैं हारूंगी नहीं।”
“तुम इतनी मेहनत करोगी?” टीलू ने फिर पूछा। इस बार चींटी को गुस्सा आ गया। वह बोली- “मेहनत से काम करना बहुत अच्छी बात है। चलो, अब तुम मुझे काम करने दो।” टीलू वहाँ से चुपचाप हट गया।

थोड़ी देर बाद टीलू वहाँ गया। उसने देखा कि दाल अपनी जगह पर नहीं थी। कुछ दूरी पर चींटियाँ कतार में एक के पीछे एक चने की दाल को घसीटे ले जा रही थीं। तब टीलू को लगा इनसे हमें सहयोग और अनुशासन भी सीखना चाहिए।
शब्दार्थ
बिल – चिंटी का निवास स्थान, ಬಿಲ
हमदर्दी – सहानुभूति, ಸಹಾನುಭೂತಿ
खुद – स्वयं, ಸ್ವತಃ
कोशिश – प्रयत्न, प्रयास, ಪ್ರಯತ್ನ
हार – पराजय, ಸೋಲು
गुस्सा – क्रोध, ಕೋಪ
मेहनत – परिश्रम, ಪರಿಶ್ರಮ
कतार – पंक्ति, ಸರತಿ
सहयोग – मिलकर काम करना, ಸಹಯೋಗ, ಜೊತೆಗೂಡಿ
अनुशासन – नियम-पालन, ನಿಯಮ ಪಾಲನೆ








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अभ्यास (ಅಭ್ಯಾಸ)
भाषा ज्ञान – सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – मैं, हम, तुम, आप, यह, वह, कौन, कोई आदि
पाठ से आगे
किस किस जानावरों से हमें क्या सीख मिलती है? आपस में सवाल-जवाब का खेल खेलो।
- कुत्तों से वफादारी: कुत्ते मनुष्य के सबसे अच्छे साथी होते हैं।
- चीटियों से टीमवर्क: चीटियां अपना काम मिलकर करती हैं।
- हाथी से देखभाल और करुणा: जानवरों के झुंड के किसी अकेले जानवर की सबसे ज्यादा देखभाल की जाती है।
- मकड़ी से निरंतरता
- ऊंट से जीवित रहने की शक्ति
- चीता से स्मार्टनेस
- गधे से समर्पण
- सूअर से मस्ती करना
