सुनो मेरी कहानी – पाठ-3

पीपल
आम
इमली
आबनूस
कटहल
देवदार

शब्दार्थ

छाया – छाँव, ನೆರಳು
प्रसन्नता – खुशी, ಸಂತೋಷ
हिस्सा – भाग, ಭಾಗ
तना – वृक्ष का नीचे वाला भाग जिसमें डालिया नहीं होतीं, ಕಾಂಡ
जड़े – वृक्ष का वह भाग जो भूमि में फैला रहता है, ಬೇರು
चूसना – रस लेना, ಹೀರುವುದು
जरिए – द्वारा, ಮೂಲಕ, ಮುಖಾಂತರ
भलाई – अच्छाई, ಒಳ್ಳೆಯತನ
टहनियाँ – शाखाएं, ಕೊಂಬೆಗಳು
बर्दाश्त – सहन करना, ಸಹಿಸಿಕೊಳ್ಳುವುದು

छाया – छाँव, ನೆರಳು
प्रसन्नता – खुशी, ಸಂತೋಷ
हिस्सा – भाग, ಭಾಗ
तना – वृक्ष का नीचे वाला भाग जिसमें डालिया नहीं होतीं, ಕಾಂಡ
जड़े – वृक्ष का वह भाग जो भूमि में फैला रहता है, ಬೇರು
चूसना – रस लेना, ಹೀರುವುದು
टहनियाँ – शाखाएं, ಕೊಂಬೆಗಳು

ವಿಡಿಯೋ ಪಾಠಗಳು

Samveda – 7th – Hindi – Suno Meri Kahani
सुनो मॆरी कहानी । Suno meri kahani । 7th Hindi | chapter 3

ಪ್ರಶ್ನೋತ್ತರಗಳು

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ಹೆಚ್ಚಿನ ಜ್ಞಾನಕ್ಕಾಗಿ ವಿಡಿಯೋಗಳು

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पेड़ों के लाभ|| पेड़ के लाभ|| 10 lines on trees in Hindi 
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पाठ से आगे

पेड काटने से होनेवाले दुष्परिणाम के बारे में कक्षा में चर्चा करो ।

पेड़ों से केवल हमें लाभ ही नहीं होता है यह वातावरण में फैले दूषित वायु को भी शुद्ध करता है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से बारिश का अभाव भी बना हुआ है।

वृक्ष अपनी जड़ों से मिट्टी को बांधकर रखता है तथा मृदा अपरदन नहीं होने देता है। पेड़ आसपास के वातावरण तथा दूषित वायु के साथ साथ भूमि को भी ठंडा रखता है।

वर्तमान में सबसे बड़ी मुसीबत ग्लोबल वार्मिंग की समस्या कम से कम थोड़ी ही सही पर राहत जरूर दिलाएगा। पौधारोपण अगर एक क्रम में किया जाए तो सुंदरता की झलक भी दिखाई देगी।

पेड़ों को काटने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से जैव विविधता की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।

हमें अपने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कम पेड़ों की कटाई करनी चाहिए और प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होना चाहिए कि हमारे आसपास होने वाले पेड़ों की कटाई को रोके और जितना हो सके मैं पेड़ों का सृजन भी करते रहना जिससे हमारा भविष्य और उज्जवल और सुंदर होगा और हमें आगे चलकर किसी तरह की पर्यावरण से तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पुस्तक या इंटरनेट की सहायाता से कोई एक ‘पेड बचाओ आंदोलन’ के बारे में जानकारी प्राप्त करे।

चिपको आंदोलन: ये आंदोलन साल 1973 में उत्तराखंड में हुआ था। इस आंदोलन का नेतृत्व सुंदरलाल बहुगुणा ने किया था, जिसका उद्देश्य था पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण करना।

ये आंदोलन मुख्य रूप से इसलिए याद किया जाता है क्योंकि इस आंदोलन में महिलाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण थी। इस आंदोलन में महिलाओं ने पेड़ के चारो ओर एक पवित्र धागा बांध दिया और उसे गले से लगा लिया।

इस आंदोलन का मुख्य कारण ये था कि औद्योगिक कारणों से, पेड़ काटने के कारण उस इलाके में बहुत व्यापक बाढ़ आ गयी थी, जिससे ग्रामीणों को बहुत नुक्सान हुआ था।

एक और कारण जिससे ग्रामीण नाराज़ हो गए थे, वो ये थी कि सरकार ग्रामीणों को वनों को ईंधन और चारे के लिए काटने की अनुमति नहीं दे रही थी, वही एक खेल निर्माण कंपनी को इसकी अनुमति बड़े पैमाने पर मिल गयी थी।

इन पेड़ बचाओ आंदोलनों के अलावा भी कई आंदोलन हुए थे, जिसमें पेड़ों को बचाने की पूरी कोशिश की गयी थी, जैसे की – सेव साइलेंट वैली आंदोलन, जंगल बचाओ आंदोलन।

हमें भी इन आंदोलनों से शिक्षा लेनी चाहिए और अपने पेड़ों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।

औषधीय पौधों के बारे में जानकारी प्राप्त करे।

औषधीय पौधे और उनके उपयोग | Ayurvedic Plants Information In Hindi | आयुर्वेदिक पौधों के नाम